Khayal jiska tha mujhe

खयाल जिसका था, खयाल में मिला मुझे,
सवाल का जवाब भी सवाल में मिला मुझे।

किसीको अपने अमल का हिसाब क्या देते,
अच्छाई का बदला बुरा जवाब में मिला मुझे।

उसको अपनी हकीकत बनाने का क्यों सोचूं,
उसका पाने का ख्वाब भी ख्वाब में मिला मुझे।

- सैफुल्लाह खान खालिद

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