Naya Daur
खान तुम्हे ये दौर मुबारक, तुम तो बड़े अय्याम से हो,
एक लड़की के दिल को चुराके तुम तो बड़े आराम से हो।
अपनी खुशी को चेहरे से छुपा लिया करो,
तुम मुस्कुराते हुए सुबह ओ शाम से हो।
लोगो को भी सुनाओ उस हसीन के किस्से,
तुम उसके दिल में खास हो या आम से हो?
अब कहीं औरों की नजर ना लग जाए मोहब्बत पे,
खूबसूरत की मोहब्बत में तुम खुशनाम से हो।
'खालिद' छोड़ो ये जफाए और मांग लो हाथ उसका,
वैसे भी तुम दोनो मोमिन हो, और इस्लाम से हो।
-सैफुल्लाह खान खालिद
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