याद रहता है

सर ए सहरा मुसाफिर को सितारा याद रहता है,
मैं जहां भी रहूं चेहरा तुम्हारा याद रहता है।

हमे जर्फ़ है कि तुम मुहब्बत भूल जाती हो,
तुमने अगर हंस के पुकारा, याद रहता है।

इस परदेस की दुनिया में खुदको बचाता हूं में,
तुम्हें मुझसे मुहब्बत है, दुबारा याद रहता है।

रंज और ग़म, गीले शिकवे, सब भूल जाता हु,
प्यार और सुकून का साथ हमारा याद रहता है।

तेरी तारीफ में कहीं कुफ्र ना कर बैठे दिल,
इबादत भूल जाता है, बस कफ्फारा याद रहता है।

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