Wapas Aaye
जब कोई जाकर वापस आए,
रोए तड़पे या फिर पछताए,
में फिर उसको मिलता नहीं हु,
साथ दोबारा चलता नहीं हु।
गुम जाता हु, खो जाता हु,
में फिर पत्थर का हो जाता हु।
फिर आंसू भी असर नहीं करते,
चाहे वो आए रोते या बिलखते।
चाहे वो पूजने लगे नए सनम बुत खाने में,
या बना ले किसी को अपना ज़माने में।
क्योंकि उनको मुहब्बत में एतराज था,
झूठ बोलना, धोखा देना अंदाज़ था।
उन्हे मुबारक हो ये शोख उनका,
जिंदगी में मिलेगा अब ज़ौक उनका।
रोए तड़पे या फिर पछताए,
में फिर उसको मिलता नहीं हु,
साथ दोबारा चलता नहीं हु।
गुम जाता हु, खो जाता हु,
में फिर पत्थर का हो जाता हु।
फिर आंसू भी असर नहीं करते,
चाहे वो आए रोते या बिलखते।
चाहे वो पूजने लगे नए सनम बुत खाने में,
या बना ले किसी को अपना ज़माने में।
क्योंकि उनको मुहब्बत में एतराज था,
झूठ बोलना, धोखा देना अंदाज़ था।
उन्हे मुबारक हो ये शोख उनका,
जिंदगी में मिलेगा अब ज़ौक उनका।
(Dedicated to all those who left me)
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