Mabaraz- Struggle
गरचे तन्हाई है, वीरानी है, परेशानी है,
जिंदगी का दौर, आनी है और जानी है।
वक्त ने तय किया है डुबोना हमको,
किस्मत ने पार करवाने की ठानी है।
रुकने के हम नही काईल अब डगर पर,
ठोकर खा कर संभालेंगे, इसमें हैरानी है?
मुझसे पहले थे, मेरे बाद भी होगे मजमे,
दुनिया क्या किसी एक की दीवानी है?
इस दुनिया का में ही नही खुसरो,
'खालिद' भी तो किसी का सानी है।
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