यहां किसीको हस्ब ए आरज़ू न मिला
किसीको हम न मिले किसीको तू न मिला।

सुनाए गए किस्से जब जवानी के महफिल में
किसीको खुशी न मिली किसी को जुनूं न मिला।

अजब तमाशा हे के जिंदगी के मुहाने मे,
किसीको फुर्सत न मिली किसी को सुकूं न मिला।

Saifullah Khan Khalid

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