kyon Kisike Khatir

क्यों किसिके खातिर अपने आप को बेकार समझ बेठे हो,
किसिके जुठे शब्दो को अपना किरदार समझ बेठे हो।

नही बिसात किसीकी तुम्हारे सामने टकराने की,
लोगो की सुई को तुम तलवार समझ बेठे हो।

होशियार रहना दुनिया की प्यारी प्यारी बातों से,
लोगो की तारिफ सुनकर खुदको सरदार समझ बेठे हो।

बाज़ार मे अहम है लम्बे समय तक चलना,
कुछ सौदो को तुम फिर व्यापार समझ बेठे हो।

-सैफुल्लाह खान 'खालिद'

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