Aandhiyo se keh do aukaat me rahe

सूरज चांद सितारे, सब मेरे साथ में रहे,
जब तक तेरा हाथ मेरे हाथ में रहे।

हर बूंद खुदा का एक तोहफा बन के रही,
जब तक तू मेरे साथ बरसात में रहे।

शाखो से जो टूट जाए वो पत्ते नहीं हम,
आंधियों से कह दो अपनी औकात में रहे।

वैसे अब हिसाब किताब हो गया है पूरा,
जो लम्हे थे वो अब तेरी सौगात में रहे।

- सैफुल्लाह खान खालिद

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