Apna dil pesh karu
अपना दिल पेश करूं, अपनी वफा पेश करूं,
कुछ समझ में नहीं आता, तुझे क्या पेश करूं।
मेरे ख्वाबों में भी तू मेरे ख्यालों में भी तू,
कोनसी चीज तुझे तुझसे जुदा पेश करूं।
जो तेरे दिल को लुभाए वो अदा मुझको कह,
या फिर तुझे कोई तेरी ही अदा पेश करूं।
समझ नही आता, तेरी खुबसूरती केसे बयां करूं,
बापर्दा को में केसे शर्म व हया पेश करूं।
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