आज की बात

आज की बात फिर नहीं होगी
ये मुलाक़ात फिर नहीं होगी।

ऐसे बादल तो फिर भी आयेंगे
ऐसी बरसात फिर नहीं होगी।

रात उनको भी यूँ हुआ महसूस,
जैसे ये रात फिर नहीं होगी।

एक नज़र मुड़ के देखने वाले
ये मौका व हालात फिर नहीं होगी।

तू मेरे सामने आ भी जाएगी, तेरी
बोलने की औकात फिर नहीं होगी।


Comments

Popular Posts