Tum jab aaogi
तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे,
मेरे तन्हाई में मेरे सिवा कुछ बाकी नही है।
मेरे कमरे को सजाने की ख्वाहिश थी कभी तुम्हे,
मेरे कमरे में किताबो के सिवा कुछ बाकी नही है।
इन किताबों ने बड़ा ज़ुल्म ढाया है मुझपे,
इनमें मुहब्बत के सिवा कुछ बाकी नही है।
जिंदगी में अब कुछ परवाह नहीं कर सकता,
अब इसमें हिम्मत के सिवा कुछ बाकी नही है।
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