Chal aa ek aisi nazm kahu updated
चल आ एक ऐसी नज़्म कहूं,
जो लफ्ज़ कहूं वो हो जाए।
में अश्क कहूं तो एक आंसू,
तेरे गोरे गालों को धो जाए।
में आ लिखूं तू आ बैठे,
आके मुझमें खो जाए।
मेरे कंधे पे रखके सर,
में नींद कहूं तू सो जाए।
में 'आह' लिखूं तू 'हाय' करे
बेचैन लिखूं, बेचैन हो जाए।
फिर बेचैन से में 'बे' काटु,
और चैन तुझे भी हो जाए।
में ऐन लिखूं तू सोचे मुझे,
में 'शीन' लिखूं नींद खो जाए।
में 'काफ' लिखूं तो कुछ हो तुझे,
में 'ईश्क' लिखूं तो इश्क हो जाए।
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