Sadma to hai mujhe bhi sad version
सदमा तो है मुझे भी तुझसे जुदा हूं मे,
लेकिन ये सोचता हूं के तेरा क्या हूं मे।
किस किसका नाम लाउ जुबान पर तेरे साथ,
हर रोज एक नया शख्स तेरे साथ देखता हूं में।
पहुंचा जो तेरे दिल में तो महसूस ये हुआ,
एक लंबी कतार में जैसे खड़ा हूं में।
तुझे याद न करना और यूं भूला देना,
ये सारी हरकते तुझसे ही सीखा हूं मे।
जागा हुआ ज़मीर वो आइना है 'खालिद'
हर रात जिसको गौर से देखता हु मे।
- सैफुल्लाह खान खालिद
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